जिंदगी पर शायरी: जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने वाली भावनाओं की सच्ची बातें

जिंदगी पर शायरी
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अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी जिंदगी, सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ
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हंसकर जीना ही दस्तूर है जिंदगी का, एक यही किस्सा मशहूर है जिंदगी का
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आज फिर वक़्त निकला था मेरे ख्वाहिश पूरे करने की, फिर अचानक ज़िम्मेदारी आड़े आ गयी
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छोटी सी जिंदगी है अरमान बहुत है, हमदर्द नहीं कोई इंसान बहुत है, दिल का दर्द सुनाए तो किसको, जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है
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हासिल-ए-जिंदगी हसरतों के सिवा और कुछ भी नहीं, ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं
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ये ना पूछो,कि ये जिंदगी ख़ुशी कब देती है? क्योंकि ये शिकायत उसे भी है, जिसे ये जिंदगी सब देती है
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जिंदगी में जीत और हार हमारी सोच बनाती है, जो मान लेता है, वह हार जाता है, जब ठान लेता है, वह जीत जाता है
आज फिर वक़्त निकला था मेरे ख्वाहिश पूरे करने की, फिर अचानक ज़िम्मेदारी आड़े आ गयी -
कल न हम होंगे न कोई गिला होगा, सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिलसिला होगा, लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें, जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा
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जिंदगी में सारा झगड़ा ही ख्वाहिशों का है, ना तो किसी को गम चाहिए और ना ही किसी को कम चाहिए
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कितना दुख है इस जीवन में, सब कुछ तो अब देख लिया, नाराज हुआ था मैं दुनिया से, अब खुद से ही मैं रूठ गया!
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सपनों की मंज़िल पास नहीं होती, जिंदगी हर पल उदास नहीं होती
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फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की, जैसे ये ज़िंदगी, ज़िंदगी नहीं, कोई इल्जाम है
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छोटी सी है जिंदगी हंस के जियो, भुला के सारे ग़म दिल से जियो, उदासी में क्या रखा है मुस्कुरा के जियो, अपने लिए न सही अपनों के लिए जियो
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अब समझ लेता हूं मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट, हो गया है जिंदगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा
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कितना दुख है इस जीवन में, सब कुछ तो अब देख लिया, नाराज हुआ था मैं दुनिया से, अब खुद से ही मैं रूठ गया! न जाने जिंदगी का ये कैसा दौर है, इंसान खामोश है और ऑनलाइन कितना शोर है
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जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है, कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है, पर जो हर हाल में खुश रहते हैं, जिंदगी उनके आगे सिर झुकाती है
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जिंदगी की सबसे बड़ी हार, किसी की आंखों में आंसू आपकी वजह से और जिंदगी की सबसे बड़ी जीत, किसी की आंसू में आंसू आपके लिए
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जिंदगी में गम नहीं फिर इसमें क्या मजा, सिर्फ खुशियों के सहारे जिंदगी कटती नहीं
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ये मजबूत रिश्ते बड़ी आसानी से टूट जाते हैं विश्वास अटूट न होने पर
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सबक वो हमको पढ़ाए हैं जिंदगी ने कि हुआ था जो इल्म किताबों से वो भी भूल गए
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हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो, ये जिंदगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो
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जिंदगी जिसका बड़ा नाम सुना है हमने, एक कमजोर सी हिचकी के सिवा कुछ भी नहीं
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नींद नहीं आती मुझे अब रातों में, ये राते बेवफ़ा हो गयी है या ज़िंदगी
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लम्हों की खुली किताब है जिंदगी, ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं जिंदगी, कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी, इन्ही सवालों के जवाब हैं जिंदगी
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जीने का हौसला कभी मरने की आरज़ू, दिन यूं ही धूप-छांव में अपने भी कट गए
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जिंदगी में कुछ खत्म होना ज़रूरी होता है, कुछ नया शुरू करने के लिए पहचानूँ कैसे तुझको मेरी जिंदगी बता, गुजरी है तू करीब से लेकिन नकाब में
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जिंदगी में कुछ खत्म होना ज़रूरी होता है, कुछ नया शुरू करने के लिए
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कितना मुश्किल है जिंदगी का ये सफर, खुदा ने मरना हराम किया लोगों ने जीना
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एक उम्र गुस्ताखियों के लिए भी नसीब हो, ये जिंदगी तो बस अदब में ही गुजर गई
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हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में, अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में
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ले दे के अपने पास फ़क़त एक नजर तो है, क्यूं देखें ज़िंदगी को किसी की नजर से हम
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वक़्त की किताब के कुछ पन्ने उलटना चाहता हूं, आज फिर वही बीते पल जीना चाहता हूं
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नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब, जिंदगी कहीं तो पहुंचा दे खत्म होने से पहले
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हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में, अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं, आईने की सादगी से झूठ की पटती नहीं
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बुराई लोगों की नहीं खुद की करना, निखरोगे नित नित
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सब दुख दूर होने के बाद मन प्रसन्न होगा ये भ्रम है, मन प्रसन्न रखो सब दुःख दूर हो जाएंगे ये हकीकत है
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जाहिर है कि जीवन थोड़ा कठिन हुआ, पर मेरे हिस्से का पन्ना अभी खतम नहीं हुआ
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यहां सब कुछ बिकता है दोस्तों, रहना जरा संभाल के, बेचने वाले हवा भी बेच देते है, गुब्बारों में डाल के
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लगता था जिंदगी को बदलने में वक्त लगेगा, पर क्या पता था बदलता हुआ वक्त, जिंदगी बदल देगा
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थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूं, ये क्या कम है अपनी पहचान बचा पाया हूं
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खुशी में भी आंखें आंसू बहाती रही, जरा सी बात हमें देर तक रुलाती रही, कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया, जिंदगी हम को बस ऐसे ही आजमाती रही
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एक पहचान हजारों मित्र बना देती है, एक मुस्कुराहट हज़ारों दुख भुला देती है
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हौसले जिंदगी के देखते हैं, चलिए कुछ रोज जी के देखते हैं
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नादान थी मेरी हरकतें सब कुछ आज़मा लेती थी, अब होशियार हो गयी हैं, पांव रखने से पहले सोचने लगी हैं अब
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जिंदगी जब भी आपको रुलाने लगे, आप इतना मुस्कुराओ कि दर्द भी शर्माने लगे, निकले न आंसू आंखों से आपके कभी, किस्मत भी मज़बूर होकर आपको हंसाने लगे
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क्या लिखूं अपनी जिंदगी के बारे में, वो लोग ही बिछड़ गए, जो जिंदगी हुआ करते थे
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बहुत मुश्किल नहीं है जिंदगी की सच्चाई समझना, जिस तराजू पर दूसरों को तौलते हैं, कभी उस तराजू पर बैठ कर खुद को तौल के देखना
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जब भी सुलझाना चाहा, जिंदगी के सवालों को मैंने, हर एक सवाल में जिंदगी मेरी उलझती चली गई
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मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों, पर लोग कहते हैं यहां सादगी से कटती नहीं
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न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती, ये ज़िंदगी है हिसाबों से जी नहीं जाती
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कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकती यादें, जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूं
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जहां-जहां कोई ठोकर है मेरी किस्मत में, वहीं-वहीं लिए फिरती है मेरी जिंदगी मुझको
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हद-ए-शहर से निकली तो गांव-गांव चली, कुछ यादें मेरे संग छांव छांव चली, सफर जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ, वो ज़िन्दगी ही क्या जो छांव छांव चली
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जिंदगी वो जो ख्वाबों-ख्यालों में है, वो तो शायद मयस्सर न होगी कभी, ये जो लिखी हुई इन लकीरों में है, अब इसी जिंदगानी के हो जाएं क्या
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जिसने भी मेरी किस्मत लिखी है अधूरी लिखी है, आजकल उसी को पूरा करने में लगा हुआ हूं
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बुरे समय में सही शख्स मिलना बहुत मुश्किल होता है
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खामोश रहते हो कोई बात है क्या, या ज़िन्दगी में कुछ उदास है क्या?
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रोज दिल में हसरतों को जलता देख कर, थक चुका हूं जिंदगी का ये रवैया देखकर
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ज़िंदगी से मेरा एक तरफा इश्क़ चल रहा है, पता नहीं और कितना वक़्त लगेगा साथ आने में
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ज़िंदगी जबरदस्त है इससे बेपनाह प्यार करो, हर दुख के बाद सुख का इंतजार करो
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अपने चेहरे की हंसी से हर ग़म को छुपाओ, बहुत कुछ बोलो पर कुछ न बताओ, कभी खुद न रूठो पर हर किसी को मनाओ, यही राज़ है जिंदगी का बस जीते चले जाओ
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क्या बेचकर हम खरीदें फुर्सत ए जिंदगी, सब कुछ तो गिरवी पड़ा है, जिम्मेदारी के बाजार में
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अपनी ज़िंदगी में भी लिखे हैं, कुछ ऐसे किस्से, किसी ने अपना बनाकर वक़्त गुजार लिया, किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बना लिया
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पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में, वरना मेरी ज़िन्दगी का हर पन्ना मुकम्मल किताब है
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तुझ बिन दुनिया प्यारी लगती न, न हो तो वीरानी है, और तेरे बिन ये सारा जीवन केवल सादा पानी है